रहस्य मय मंदिर, सोने कि मूर्ती है लेकीन दिखती नही ।

आज हम रहस्य मय मंदिर के बारे मे जानकारी देने वाले है। यह ऐसा मंदिर है, जीसको आप अवश्य ही  जाना चहोंगे अगर आप इतिहास प्रेमी है तो। बुलढाणा जिले के मोतला तालुके के अंदर तारापूर करके यह स्थान आता है। बुलडाणा से 26km और खामगाव से 40km यह पवित्र और रहस्य मय स्थल आता है।  तारापूर मे यह मंदिर स्थित है, बहोत ही सूनहरा परिसर है। शांती तो इतनी है की आपको बहोत ही अच्छा लगेगा यहा आनेके बाद। यह मंदिर ऐतिहासिक वास्तु क्योकी यह मंदिर हेमाडपंथी मे आता है। मुघलोने यहा पर हमला किया था, जीसके कारण यहा का पुरा मंदिर गिर  गया था। लोगो का कहना है की, इस मंदिर मे पहले सोने की  बहोत बडी मुर्ती थी। ऊस स्थल के लोगो को मुघलो की पहले से ही भनक लग गई थी। तो लोगो ने सोनेकी मूर्ती  को ऊस मंदिर के पास वाली जगाह मे छुपा दिया और ऊस पर इट और मिट्टी से बडीसी पहाडी बना डाली। आज भी अगर हम देखे तो पहाडी के अंदर बहोत बडी दिवारे नजर आती है, लेकिन अब तक बहोत से लोंगो ने पुरी पहाडी को हटाने की कोशीष नही की। अगर आप ऊस पहाडी पर जयोंगे तो आपको खुद ही समज आ जायेंगा। पुरी पहाडी जो है, वो लोगो के द्वारा बनाई गई है। लोगोने ऊस पहाडी को तोडणे की बहोत कोशीष की लेकिन किसिका भी ऊस पर असर नही हुआ है अबतक।  यहा का जो परिसर है, वो बहोत ही निसर्गरम्य है। जीसके कारण बहोत से श्रध्दालू यहा पर दर्शन करणे को आते है। हेमाडपंथी होणे के बहोत से निशान अभि भी हमे यहा पर मिलते है।
          इस मंदिर के पास मे तारापूर नामक एक छोटासा गाव है। वहा पर चारो तरफ बडे मिट्टी के बुर्ज दिखते है, बुर्ज जैसे बहोत ही पुरातन कालीन नजर आते है। ऐसा लगता है, यहा पर कोई राजा रहाता होंगा। राजा ने अपने राज महल के बचाव के लिये ये बुर्ज होंगे। ओ आज भी हम देख सकते है।
   
            यहा पर नवरात्री के पावन अवसर पर यात्रा का आयोजन किया जाता है।नवरात्री मे बडी मात्रा मे लोगो की भीड रहती है।लोगो का इस मंदिर के देवी पर बहोत ही श्रद्धा है, जीसके कारण बहोत दूर दूर के श्रध्दालू यहा पर हर साल आते है। बहोत लोग यहा पर देवी को मन्नत मागते है और उसके बदले मे लोग वो मन्नत पुरी हो जाती है तो लोग बडे प्यार से लोगो को मन्नत मे सोचे हुये व्यंजन खिलाते है।
          मदीर के पास एक पाणी का तालाब है, जीसके कारण इस स्थल को अलग ही महत्व आया है। ऊस तालाब का नाम पलढग है। यह तालाब विश्वगंगा नदी पर स्थित है।यहा पर पाणी बाराह महिने होणे के वजसे यहा पर बहोत हरियली आपको देखणे को मीलेंगी। चारो तरफ से पर्वत से घिरा हुआ हे एक पर्यटन स्थल है।
     आपको निवेदन है अगर आपको हमारी जाणकारी  अच्छी लगे तो अवश्य इस स्थल को भेट दे।और इस मेसेज को शेयर मरणा मत भुलना।

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